महिलाओं में होने वाले कैंसर में बड़ी संख्या में ब्रेस्ट कैंसर के केस होते हैं. कई बार तो स्थिति ऐसी तक बन जाती है कि दोनों ब्रेस्ट रीमूव करने पड़ जाते हैं. किसी भी महिला के लिए इस सच को स्वीकारना कितना पीड़ादायी हो सकता है, हम सभी समझ सकते हैं. हालांकि जिस तेजी के साथ हमारी लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव हुआ है, वो एक बहुत बड़ा फैक्टर है इस तरह की बीमारियों के बढ़ने में.
डरने के लिए नहीं बल्कि जागरूक रहने के लिए आपको अपने परिवार की हेल्थ हिस्ट्री भी पता होनी चाहिए. ताकि पूरी सावधानी बरतते हुए जानलेवा बीमारियों से खुद को और अपने परिवार को बचाया जा सके. कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी में अगर पारिवारिक इतिहास होता तो इस बात की आशंका काफी बढ़ जाती है कि आने वाले समय में किसी और को यह रोग अपनी चपेट में ले ले. इसलिए बचाव जरूरी है.
आमतौर पर लोग इस बात को मानते नहीं हैं लेकिन शरीर पर बढ़ रहा गैरजरूरी फैट भी कैंसर की एक बड़ी वजह बन रहा है. खासतौर पर मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ना और शारीरिक बदलाव होना, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की समस्या को ट्रिगर कर सकता है. इसलिए अपने रुटीन को मेंटेन रखें और शरीर को भी.
स्मोकिंग किसी को नहीं करनी चाहिए फिर चाहे महिला हो या पुरुष. क्योंकि यह एक जानलेवा लत है. लेकिन आमतौर पर जब भी महिलाओं के स्मोकिंग छोड़ने के मुद्दे पर जोर दिया जाता है तो कुछ मुट्ठीभर लोग नारी शक्ति के नाम पर विरोध का झंडा बुलंद करने लगते हैं. स्मोकिंग छोड़ने की सलाह का कारण आपका महिला होना नहीं बल्कि आपकी शारीरिक संरचना है. जो महिलाएं स्मोकिंग और एल्कोहॉल का अक्सर सेवन करती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
सोने और जागने के समय को निर्धारित रखते हुए आप अपनी डेली डायट में फाइबर को अधिक मात्रा में शामिल करें.आप एक दिन में जो भी चीजें खाती हैं, उसका 30 प्रतिशत फाइबर होना चाहिए. इससे कैंसर का रिस्क कम होता है.
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