WASHINGTON, DC - JULY 7: In this handout photo provided by the National Transportation Safety Board, the Asiana Airlines flight 214 flight data recorder (L) and the cockpit voice recorder (R) are displayed in the NTSB's laboratory on July 7, 2013 in Washington, DC. The Boeing 777 passenger aircraft from Asiana Airlines coming from Seoul, South Korea crashed landed on the runway at San Francisco International Airport. Two people died and dozens were injured in the crash. (Photo by NTSB via Getty Images)

क्रैश के पीछे की सच्चाई उजागर करता है ब्लैक बॉक्स! जानिए कैसे करता है काम

गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस भयानक दुर्घटना में 265 लोगों की जान चली गई, जिनमें 12 क्रू मेंबर्स भी शामिल थे। हादसे के बाद जांच एजेंसियों ने विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है। अब इसी डिवाइस के ज़रिए पता लगाया जाएगा कि आखिर ये दर्दनाक हादसा क्यों हुआ। लेकिन क्या आप जानते हैं, ये ब्लैक बॉक्स होता क्या है और कैसे काम करता है? चलिए, इसे आसान भाषा में समझते हैं।

📦 क्या होता है ब्लैक बॉक्स?
ब्लैक बॉक्स असल में एक रिकॉर्डिंग डिवाइस होता है जो हर विमान में लगाया जाता है। इसका काम होता है उड़ान से जुड़ी जरूरी जानकारी को रिकॉर्ड करना – जैसे पायलटों की बातचीत और फ्लाइट के तकनीकी डेटा।

मज़ेदार बात: इसका नाम भले ही ब्लैक बॉक्स है, लेकिन इसका रंग होता है चमकीला नारंगी ताकि दुर्घटना के बाद उसे आसानी से खोजा जा सके।

⚙️ ब्लैक बॉक्स के दो हिस्से – CVR और FDR
ब्लैक बॉक्स दो मुख्य भागों में बंटा होता है:

CVR (Cockpit Voice Recorder):
इसमें पायलट और को-पायलट की बातचीत, कॉकपिट की आवाजें और अलार्म रिकॉर्ड होते हैं।

FDR (Flight Data Recorder):
यह विमान की ऊंचाई, गति, दिशा, इंजन की स्थिति जैसी तकनीकी जानकारियां सेव करता है।

दोनों मिलकर ये बताने में मदद करते हैं कि दुर्घटना से पहले विमान में क्या हुआ था।

🛠️ कैसे करता है ब्लैक बॉक्स हादसे की जांच में मदद?
जब कोई प्लेन क्रैश होता है, जांच एजेंसियां सबसे पहले ब्लैक बॉक्स को ढूंढती हैं।

इसमें लगी खास तकनीक की वजह से यह तेज टक्कर, आग या पानी में गिरने पर भी सुरक्षित रहता है।

इसमें एक खास सिग्नल देने वाला यंत्र होता है जो पानी में गिरने पर 30 दिनों तक अपनी लोकेशन बताता रहता है।

ब्लैक बॉक्स से निकाली गई आवाजें और डेटा स्पेशल कंप्यूटर सिस्टम की मदद से पढ़े जाते हैं।

इससे पता चलता है कि हादसे की वजह तकनीकी खराबी थी, मौसम था, या मानवीय गलती।

🔍 ब्लैक बॉक्स ने दुनिया भर की कई एयरक्रैश की सच्चाई सामने लाई
पिछले कई दशकों में ब्लैक बॉक्स की मदद से दुनियाभर के विमान हादसों की वजहों को खोजा गया है। इसी के ज़रिए एविएशन इंडस्ट्री में नई सुरक्षा नीतियां और गाइडलाइंस तैयार की गई हैं।

इस डिवाइस की वजह से यह संभव हो सका कि बीते हादसों से सीखा जाए और भविष्य की उड़ानों को ज़्यादा सुरक्षित बनाया जा सके।

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