भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने बृहस्पतिवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस दावे को झूठ करार दिया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्म अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले परिवार में नहीं हुआ था।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”हर बार की तरह, राहुल गांधी का एक और झूठ उजागर हो गया। या तो राहुल गांधी सच में नासमझ हैं या फिर उन्हें लगता है कि बार-बार झूठ बोलने से झूठ को ही सच मान लिया जाता है।”
उन्होंने कहा, ”राहुल गांधी जी पहले अपने आपके साथ न्याय कर लें, इस तरह हर दिन झूठ बोलेंगे तो वह दिन दूर नहीं है जब वह केवल हास्य, व्यंग्य और मनोरंजन तक ही सीमित रह जाएंगे।”
प्रधान ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
राहुल ने ओडिशा में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तीसरे एवं अंतिम दिन यहां एक संक्षिप्त भाषण में कहा कि मोदी का जन्म ऐसे परिवार में हुआ जो सामान्य जाति की श्रेणी में आता है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ”मोदी जी लोगों को यह कहकर गुमराह करते आ रहे हैं कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं। उनका जन्म ‘घांची’ जाति के परिवार में हुआ था, जिसे 2000 में गुजरात में भारतीय जनता पार्टी सरकार के कार्यकाल के दौरान ओबीसी सूची में शामिल किया गया। इस प्रकार से मोदी जी जन्म से ओबीसी नहीं हैं।”
कांग्रेस सांसद ने जोर दिया, ”उन्होंने गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी जाति बदलकर ओबीसी कर ली। इसलिए मोदी जी जन्म से ओबीसी नहीं हैं।”
भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष और पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य के. लक्ष्मण ने भी राहुल गांधी के दावे को झूठा करार दिया।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”राहुल गांधी का यह दावा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री की भूमिका संभालने के बाद ओबीसी का दर्जा प्राप्त किया, गलत है। मोदी की जाति को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल से दो साल पहले 27 अक्टूबर, 1999 को आधिकारिक तौर पर ओबीसी के रूप में मान्यता दी गई थी।”
लक्ष्मण ने इसके साथ ही संबंधित आदेश के ‘भारत के राजपत्र’ की एक प्रति और उसका लिंक भी साझा किया।
उन्होंने आरोप लगाया, ”यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य हमेशा ओबीसी समुदायों के हितों का समर्थन करने के खिलाफ रहे हैं। यह विरोध उसकी विभिन्न पीढ़ियों में जारी रहा है।”
भाजपा के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने भी राहुल गांधी के दावे को ‘कोरा झूठ’ करार दिया और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की एक अधिसूचना साझा करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी की जाति को उनके मुख्यमंत्री बनने से दो साल पहले ही ओबीसी का दर्जा दे दिया गया था।
उन्होंने कहा, ”जवाहरलाल नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक पूरा गांधी-नेहरू परिवार ओबीसी के खिलाफ रहा है।”
– एजेंसी