भारत में लगभग हर घर में आपको तुलसी का पौधा मिल जाता है।इसे होली बेसिल के नाम से भी जाना जाता है,जहां एक तरफ इसकी धार्मिक मान्यता है, वहीं कई बीमारियों के इलाज में भी इसका प्रयोग किया जाता है। जिस घर के आंगन में तुलसी का पौधा होता है, वहां बैक्टीरिया और जीवाणु प्रवेश नहीं कर पाते हैं। साथ ही घर का वातावरण भी शुद्ध होता है।तो आइए, जानते है विस्तार से तुलसी के फायदे और नुकसान के बारे में समझें।
तुलसी के पौधे से होने वाले फ़ायदे :-
सर्दी-खांसी सर्दी की शिकायत होने पर तुलसी के पत्तों का रस, अदरक का रस और पान का रस समान मात्रा में लेकर उसमें काली मिर्च का चूर्ण व शहद मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करना चाहिए. अगर बहुत ज़्यादा खांसी हो, तो इसी नुस्खे को काला नमक मिलाकर सेवन किया जा सकता है.
पेट के कीड़े उम्र के अनुसार तुलसी के 5 से 10 पत्ते गुड़ मिलाकर खाने चाहिए. इससे पेट के कीड़े मर जाते हैं या फिर मलमार्ग से निकल जाते हैं.
बुखार मलेरिया, मियादी बुखार और सर्दी से होेने वाले बुखार तथा पसली के दर्द में तुलसी के 10 पत्तों का रस शहद में मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करें.
दाद होने पर तुलसी का रस निकाल कर दिन में दो-तीन बार लगाएं, इससे दाद पूरी तरह ठीक हो जाता है.
पेटदर्द पेटदर्द होने पर सेंधा नमक डालकर तुलसी के पत्तों का बनाया हुआ काढ़ा पीने से तुरंत लाभ पहुंचता है. काढ़े में 10-15 पत्ते भी डालने चाहिए. यह काढ़ा अस्थमा की बीमारी में भी लाभकारी है.
तुलसी के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं:-
तुलसी का सेवन करने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. इससे शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता में कमी आती है.
तुलसी में इस्ट्रागोल नामक तत्व पाया जाता है, जिसके कारण यूट्रस में संकुचन हो सकता है. इसलिए गर्भावस्था के दौरान तुलसी का सेवन करने से परहेज़ करना चाहिए.
तुलसी ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकती है इसलिए यदि आप ब्लड शुगर घटाने के लिए दवा ले रहे हैं तो तुलसी इसके प्रभाव को बढ़ा सकती है और ब्लड शुगर काफ़ी कम कर सकती है.
तुलसी में आयरन पाया जाता है. इसलिए इसे चबाकर खाने से आपके दांतों पर दाग़ पड़ सकता है. अतः चबाने की बजाय तुलसी के पत्तों को घोंट लें.
तुलसी में ख़ून को पतला करने की क्षमता है. हालांकि यह हानिकारक नहीं है. पर यदि आप ख़ून पतला करने के लिए दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही तुलसी खाएं .
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