आयुर्वेद में सहदेवी (Vernonia Cinerea) नामक फूल को विशेष महत्व दिया गया है। यह फूल अपने औषधीय गुणों के कारण कई बीमारियों में लाभदायक माना जाता है। सहदेवी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और ज्वरनाशक गुण होते हैं, जो बुखार, दर्द, सूजन और संक्रमण से राहत दिलाते हैं। इसे दूध, पानी या तेल में मिलाकर प्रयोग किया जाता है।
आइए जानते हैं कि किन 3 बीमारियों में सहदेवी फूल का प्रयोग चमत्कारी साबित हो सकता है और इसका उपयोग कैसे करें:
1. गठिया के दर्द में सहदेवी का लेप और दूध रामबाण
सहदेवी में मौजूद सूजन कम करने वाले गुण (anti-inflammatory properties) गठिया के इलाज में बेहद असरदार हैं।
कैसे करें उपयोग?
सहदेवी की पत्तियों या फूलों को चंदन और घी के साथ पीसकर लेप बना लें।
इस लेप को जोड़ों पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें, विशेषकर रात को सोने से पहले।
साथ ही, सहदेवी को दूध में उबालकर पीने से भी दर्द और सूजन में राहत मिलती है।
2. नींद न आने पर लगाएं सहदेवी का तेल
इनसोम्निया या नींद की कमी आज के समय की आम समस्या बन चुकी है। सहदेवी से बना तेल आपके दिमाग को शांत करने और बेहतर नींद लाने में मदद करता है।
कैसे करें उपयोग?
सहदेवी के फूलों को नारियल या तिल के तेल में पकाएं।
जब ठंडा हो जाए, तो इसे बालों की जड़ों में लगाकर हल्की मालिश करें।
यह तनाव, सिरदर्द और नींद की समस्या में राहत देगा।
3. आंतों के कीड़ों को दूर करें सहदेवी का काढ़ा
अगर आपको पेट में कीड़ों की समस्या है, तो सहदेवी का काढ़ा एक प्राकृतिक और असरदार उपाय है।
कैसे करें उपयोग?
सहदेवी के फूलों और पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं।
इस काढ़े को दिन में एक बार पीएं।
लगातार कुछ दिनों तक सेवन करने से आंतों के कीड़े मर जाते हैं और पाचन तंत्र बेहतर होता है।
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