कोई भी व्यक्ति किसी समय बीमार हो सकता है. लेकिन उससे रिकवरी न कर पाना बड़ी दिक्कत वाली बात होती है. कई बार व्यक्ति लक्षणों को नार्मल समझने की भूल कर देता है. यही लक्षण गंभीर हो जाते हैं. आमतौर पर किसी भी बीमारी का एक लक्षण संबंधित पार्ट में दर्द होना भी होता है. लोग इन दर्द को हल्के मेें ले लेते हैं. जबकि इन लक्षणों को बिल्कुल भी इग्नोर नहीं करना चाहिए. आज ऐसे ही दर्द के बारे में जानने की केाशिश करेंगे, जोकि बॉडी के लिए बीमारी को पहचानने के लिए एक सिग्नल का काम करते हैं. आइये जानते है।
सिर में दर्द होना आजकल की लाइफ स्टाइल कॉमन है. लोग नार्मली किसी भी दवा की दुकान से सिरदर्द की गोली लेकर खा लेते हैं. लेकिन सिरदर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए. इसके पीछे वजह नींद की कमी, एंग्जाइटी, डिप्रेशन, माइग्रेन, किसी तरह का टयूमर या अन्य कोई गंभीर वजह हो सकती है.
पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं. ऐसे में सीने के दर्द को बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए. खून की नस ब्लॉक होने, पल्मनरी एम्बॉलिज्म, एसिड रीफल्क्स या फेफड़ों में खून के थक्के भी इसके पीछे वजह हो सकते हैं.
पेट दर्द भी आजकल की एक आम समस्या है. इसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर, यूरीनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन या रीप्रोडक्टिव सिस्टम में परेशानी हो सकती है. पेट मे ंअल्सर होने, टयूमर या कैंसर होने पर भी इस तरह की समस्या हो सकती है.
आमतौर पर लोग मसल्स पेन या मसल्स में खिंचाव बताते हैं. इसके लिए भी पेनकिलर कासहारा लेते हैं. ऐसा विटामिन डी की कमी से होसकता है. कई बार किसी बीमारी की वजह से थकान बनी रहती है और ये मसल्स पेन का कारण बन सकती है. इसे डॉक्टर को जरूर दिखाएं.
जो लोग एक जगह कई घंटे तक बैठे रहते हैं, जिनका पॉश्चर सही नहीं रहता है. उन्हें कमर दर्द की समस्या हो सकती है. घंटों तक एक जगह बैठे रहने पर कमर दर्द की परेशानी रह सकती है. इसके लिए डिस्क स्लिप होने, कमर में कोई चोट लगने पर भी दर्द हो सकता है.
जोड़ों में दर्द अर्थराइटिस की वजह से होता है. आमतौर पर जिन लोगों में कैल्शियम की कमी होती हैं. उनमें भी जोड़ों में दर्द की समस्या देखने को मिलती है. मोनोपॉज के वक्त एस्ट्रोजन का लेवल कम होने पर कैल्शियम की कमी हो जाती है. कई बार किडनी मे परेशानी होेने पर भी जोड़ों में दर्द रहने लगता है.
पैरों में दर्द बना होना डायबिटीज के भी लक्षण हैं. इसके अलावा पैरों में दर्द के साथ सूजन की समस्या है तो डीप वेन थ्रॉमेबोसिस या फिर पेरीफेरल आर्टरी बीमारी भी इसकी एक वजह हो सकती है. किडनी डैमेज होने पर भी पैरों में सूजन आ सकती है. ब्लड क्लॉट बनने या फिर नर्व डैमेज होने पर भी परेशानी हो सकती है.
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