अक्सर हमारे आस पास कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके नाखून बहुत छोटे होते हैं। कई लोगों को आदत होती है कि नाखून को थोड़ बढ़ते ही अपने दांतों से काट लेते हैं। आपको सुनने में ये थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन काफी लोगों में ऐसी आदत होती है। मुंह से नाखून खाने के ही बैक्टीरिया और अपनी त्वचा भी खा जाते हैं।
यह एक ऐसा संक्रमण है छिली हुई खाल और नाखून के साथ हमारे शरीर में प्रवेश करता है। अगर आप भी उन्हीं लोगों में से हैं जो नेलकटर की बजाय अपने मुंह से नाखून काटते हैं, तो अब आपको सावधान हो जाना चाहिए। क्योंकि इस तरह आप एक गंभीर बीमारी को भूलावा दे सकते हैं।
अपने नाखून को मुंह से चबाकर काटना वैसे भी स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। वहीं डॉक्टरों की माने तो पैरोनीचिया संक्रमण अगर एक बार हो जाता है, तो वह लंबे वक्त तक बना रहता है, इसका तुरंत इलाज नहीं किया जा सकता। पैरोनिचिया इंफेक्शन से शरीर में सूजन और मवाद भी बन सकती है। जिससे आपको थका हुआ महसूस होने लगता है। बुखार और चक्कर आने जैसी स्थिति भी बन सकती है।
डॉक्टरों के मुताबिक अगर पैरोनीचिया का ट्रीटमेंट सही वक्त पर नहीं किया गया, तो नाखूनों में कई बदलाव देखने को मिलते हैं, जैसे असामान्य रूप से नाखून पीले या हरे रंग के हो जाना।
अगर आप लंबे वक्त से अपने दांतों से नाखून काटते आ रहे हैं, तो अब वक्त है नेलकटर से आप अपने नाखून काटे और अपने शरीर में इन्फेक्शन न होने दें। आप इस तरह से अपनी आदत को खत्म कर सकते हैं और नाखून में इन्फेक्शन से होने वाली बीमारियों को रोक सकते हैं।
हमेशा अच्छी तरह से हाथ धोएं और साफ रखें।
नाखूनों को मुंह से काटने की बजाए नेल कटर का इस्तेमाल करें।
अपने नेल कटर को किसी दूसरे के साथ शेयर करने से बचें।
नेल कटर से नाखून काटने के बाद हमेशा उसे धोकर साफ जगह पर रखें।
अपने हाथों के साथ नाखूनों को भी सूखा रखें।
हाथों को बेवजह गीला न करें, ज्यादा समय तक नाखूनों को पानी में ना रखें।
नाखूनों को छोटा रखना आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा।
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