गठिया या अर्थराइटिस को अभी तक बुढ़ापे की बीमारी माना जाता था. हालांकि कि अभी भी यह बड़ी उम्र के लोगों को ही अधिक होती है लेकिन बदले हुए लाइफस्टाइल के कारण अब कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आने लगे हैं. कोरोना के बाद जोड़ों और मसल्स के दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ी है. यूं तो अर्थराइटिस का दर्द हमेशा ही परेशान करता है. लेकिन सर्दी का मौसम जोड़ों के दर्द से जूझ रहे लोगों के लिए खासतौर पर तकलीफ देने वाला होता है.
अगर आपके घर में कोई भी व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है तो आपको उसके प्रति अधिक जागरूक और जिम्मेदार होने की आश्यकता है. गठिया होने पर रोगी को जोड़ों में दर्द, जकड़न, अकड़न या सूजन की समस्या हो सकती है. आयुर्वेद के अनुसार घुटनों के बीच के टिश्यू के घिस जाने के कारण या जॉइंट्स के सिरों में सूजन के कारण यह समस्या होती है. साथ ही ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ना भी जोड़ों के दर्द की एक वजह माना जाता है.
गठिया के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप सर्दी के मौसम में अदरक के तेल का उपयोग करें. जोड़ों पर अदरक के तेल की मालिश करें और सुबह के समय अदरक की चाय जरूर पिएं.
अदरक तासीर में बहुत गर्म होता है इसलिए चाय और भोजन में इसका अधिक मात्रा में उपयोग नहीं करना है. यूं तो आपको अदरक का तेल हर्बल प्रॉडक्ट्स की शॉप पर मिल जाएगा, आप चाहें तो इसे ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं. लेकिन यदि आप चाहते हैं कि घर में तैयार करना है तो आप सरसों तेल अदरक का पेस्ट डालकर अच्छी तरह से तेल को गर्म करें और फिर ठंडा होने पर छानकर कांच के जार में भर लें.
सर्दी के मौसम में आप हर दिन 4 से 5 पत्ती तुलसी की खाएं. साथ ही दिन में एक बार तुलसी की चाय जरूर पिएं. यह आपको गठिया के दर्द में बहुत जल्दी आराम देने का काम करती है.
लहसुन एक प्रभावी दर्द निवारक औषधि है. इसका उपयोग आप गठिया के दर्द में आराम पाने के लिए भी कर सकते हैं. इसे दो विधि से उपयोग किया जा सकता है. एक भोजन में और दूसरे इसके तेल से जोड़ों की मालिश करके.
अश्वगंधा का सेवन यदि सर्दी के मौसम में किया जाए तो नियमित रूप उपयोग करने पर यह गठिया के दर्द से बचाती ही है साथ में रोग प्रतिरोधक क्षमता में बहुत अधिक बढ़ोतरी करके मौसमी बीमारियों से भी बचाती है. खासतौर पर कोल्ड और कफ जैसी समस्याएं बहुत दूर रहती हैं.
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