An Amazon logo is seen inside the Amazon corporate headquarters on June 16, 2017 in Seattle, Wash. Amazon, Berkshire Hathaway and JPMorgan Chase are teaming up to create a new company with the goal of providing high quality healthcare at a lower cost.

अमेज़ॅन ने आईओएस व वेब पर उपयोगकर्ताओं के लिए पासवर्ड रहित साइन-इन किया शुरू

अमेज़ॅन ब्राउजऱों और मोबाइल शॉपिंग ऐप्स (आईओएस उपयोगकर्ताओं) पर पासकी समर्थन शुरू कर रहा है, इससे ग्राहकों के लिए पासवर्ड रहित साइन-इन के साथ अपने खातों तक पहुंच आसान और सुरक्षित हो जाएगी।
ग्राहक अब अपनी अमेज़ॅन सेटिंग्स में पासकी सेट कर सकते हैं, इससे उन्हें अपने डिवाइस को अनलॉक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले उसी चेहरे, फिंगरप्रिंट या पिन का उपयोग करने की अनुमति मिलती है।

अमेज़ॅन में ई-कॉमर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डेव ट्रेडवेल ने कहा, यह ग्राहकों को उनके अमेज़ॅन अनुभव में एक साथ उपयोग में आसानी और सुरक्षा प्रदान करने के बारे में है।
हालांकि निकट भविष्य में भी पासवर्ड मौजूद रहेंगे, यह सही दिशा में एक रोमांचक कदम है। ट्रेडवेल ने कहा, हम इस नई प्रमाणीकरण पद्धति को जल्दी अपनाने से रोमांचित हैं, इससे अधिक सुरक्षित, पासवर्ड रहित इंटरनेट के लिए हमारे दृष्टिकोण को साकार करने में मदद मिलेगी।

ई-कॉमर्स दिग्गज ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा कि ब्राउजऱ का उपयोग करने वाले सभी अमेज़ॅन ग्राहकों के लिए पासकी समर्थन उपलब्ध है और इसे धीरे-धीरे आईओएस अमेज़ॅन शॉपिंग ऐप पर भी उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही एंड्रॉइड अमेज़ॅन शॉपिंग ऐप पर भी जल्द ही समर्थन मिलने लगेगा।

पासवर्ड के विपरीत, पासकी को लिखा या अनुमान नहीं लगाया जा सकता है, जिससे हैकर के साथ पासकी के आकस्मिक साझाकरण को रोकने में मदद मिलती है।

अमेज़ॅन ने कहा,जब कोई ग्राहक अपने डिवाइस पर पासकी का उपयोग करता है, तो यह साबित होता है कि उनके पास उनका डिवाइस है और वे इसे अनलॉक करने में सक्षम हैं। ग्राहकों को अब अद्वितीय पासवर्ड याद रखने या नाम या जन्मदिन जैसे आसानी से अनुमान लगाने वाले पहचानकर्ताओं का उपयोग करने के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।

ग्राहक ऐप्स और साइटों में साइन इन करने के लिए पासकी का उपयोग उसी तरह कर सकता है, जैसे वे अपने डिवाइस को फिंगरप्रिंट, फेस स्कैन या लॉक स्क्रीन पिन के साथ अनलॉक करते हैं।

कंपनी ने कहा कि पासवर्ड और टेक्स्ट संदेशों में वन-टाइम कोड की तुलना में पासकीज़ फि़शिंग हमलों के प्रति कम संवेदनशील होते हैं, इससे वे अधिक सुरक्षित विकल्प बन जाते हैं।

– एजेंसी