दुनिया की दिग्गज टेक और ई-कॉमर्स कंपनी Amazon पर अब वैश्विक मंदी की छाया साफ नजर आने लगी है। एक तरफ जहां कंपनी हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही है, वहीं दूसरी तरफ 2025 में रिटेल डिवीजन में किसी भी नई भर्ती पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
यह फैसला कंपनी की कॉस्ट कटिंग रणनीति और मुनाफा बढ़ाने की योजना का हिस्सा बताया जा रहा है। Amazon अब हर खर्च पर कड़ी नजर रख रही है और इसका सीधा असर रिटेल हायरिंग पर पड़ा है।
📉 क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?
Amazon के रिटेल हेड डग हेरिंगटन ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि कंपनी अब अपने रिटेल बिजनेस मॉडल को नए सिरे से आकार दे रही है।
उनके अनुसार,
“हम कुशलता बढ़ाने और ग्राहक अनुभव को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की दिशा में काम कर रहे हैं, और इसी वजह से फिलहाल नई भर्तियों पर रोक लगाई गई है।”
🌐 टेक इंडस्ट्री में छंटनी का दौर
Amazon का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब Google, Meta और Microsoft जैसी बड़ी टेक कंपनियों ने भी पिछले दो सालों में भारी छंटनियाँ की हैं। इसका सीधा संकेत है कि वैश्विक टेक और रिटेल सेक्टर फिलहाल सतर्क और बचाव की मुद्रा में हैं।
📊 Economic Times की रिपोर्ट का क्या कहना है?
ET की रिपोर्ट बताती है कि Amazon का यह फैसला कोई तात्कालिक नहीं, बल्कि लंबी अवधि की रणनीति का हिस्सा है।
कंपनी अब मौजूदा संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना चाहती है और ऑपरेशनल एफिशिएंसी यानी कार्य कुशलता को बढ़ाने पर जोर दे रही है।
🇮🇳 भारत पर असर कैसा होगा?
हालांकि, इस फैसले का भारत पर फिलहाल सीधा असर स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह जरूर माना जा रहा है कि भारत जैसे बड़े और उभरते बाजार में भी कंपनी की योजनाओं और निवेशों पर इसका असर पड़ सकता है।
भारत में Amazon के लिए रिटेल बिजनेस काफी अहम रहा है, और यहां यदि हायरिंग धीमी पड़ी, तो रोजगार के अवसरों पर भी असर पड़ सकता है।
🚨 क्या कहना है विशेषज्ञों का?
विशेषज्ञ मानते हैं कि Amazon जैसे दिग्गज का इस तरह से रिटेल हायरिंग को होल्ड करना ये दिखाता है कि अब बड़ी कंपनियां “स्मार्ट ग्रोथ” और “सस्टेनेबिलिटी” की रणनीति अपना रही हैं।
इसका असर आने वाले समय में वैश्विक स्तर पर रोजगार परिदृश्य पर साफ दिखेगा, खासकर टेक और रिटेल सेक्टर में।
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