बरसों बाद बया किया ऋतिक रोशन ने अपना दर्द बोले ‘स्टारडम के बोझ तले दब रहा हूं…’

सुपरस्टार ऋतिक रोशन ने अपने करियर और स्टारडम पर खुलकर बात की है. साल 2000 में रिलीज हुई फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ से रातो-रात स्टार बनने वाले ऋतिक रोशन ने स्टारडम को बोझ बताया है. स्टार किड रोशन के लिए स्टारडम भले गिफ्ट में मिला है लेकिन वो इसे एक प्रेशर जैसा समझते हैं.

ऋतिक रोशन ने वेबसाइट ‘Galatta Plus’ को दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि जब एक अभिनेता के रूप में उनकी तारीफ होती है तो अच्छा लगाता है, लेकिन स्टार होने के नाते लोगों की उम्मीदें एक बोझ की तरह हैं.

एक्टर से उम्मीदें होना बोझ जैसा है
विक्रम वेधा एक्टर ने कहा- यह सभी के लिए सच नहीं है, लेकिन ये मूल रूप से दिखाता है कि मैं सच में काफी कंफर्टेबल, शांत, सहज हूं और एक्टर होने के नाते मेरी जवाबदेही पहले मेरे लिए है. मैं इसके लिए बहुत आभारी हूं, मुझे गलत मत समझिए, स्टारडम वो चीज है जिसे मैं खुद संजोता हूं. मुझे पता है कि यह मुझे गिफ्ट में मिला है, लेकिन यह एक बोझ है जिसे मैं ढोता हूं और मुझे इस बनाए रखने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी, क्योंकि मैं लोगों के बीच रहना चाहता हूं और मैं इसमें आगे बढ़ाना चाहता हूं, लेकिन ये जर्नी है. एक्टर होने पर अगर उम्मीदें नहीं होती तो मैं बहुत सुकून महसूस करता हूं.”

ये है ऋतिक की अपनी फेवरेट फिल्म
इसके अलावा ऋतिक ने अपनी खुद की फेवरेट फिल्म के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा, ‘मेरे ख्याल से मेरा सबसे शानदार परफॉर्मेंस ‘कोल मिल गया’ में रहा है. मैं इस फिल्म के किरदार के काफी करीब था. हाल ही में बेहद गर्व के साथ मैंने अपने बेटों को अपनी यह फेवरेट फिल्म देखने को कहा था, जब मैंने यह फिल्म उनकी आंखों से देखी तब अहसास हुआ कि इसमें कुछ ज्यादा ही हो गया.

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