भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता पूनिया ने कहा कि एशियाई खेलों में निराशाजनक अभियान के बाद उनकी टीम रांची में हाल में समाप्त हुई एशियाई चैम्पियंस ट्राफी (एसीटी) में स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य बनाये हुए थी।
प्रबल दावेदारों में शुमार होने के बावजूद भारतीय टीम अक्टूबर में हांगझोउ में एशियाड सेमीफाइनल में चीन से 0-4 से हार गयी थी जो अंत में विजेता बनी थी। लेकिन भारतीय टीम ने फॉर्म में वापसी करते हुए चीन सहित अपने सभी एशियाई प्रतिद्वंद्वियों को पराजित कर रविवार को रांची में जापान को 4-0 से हराकर दूसरा एशियाई चैम्पियंस ट्राफी खिताब जीता।
सविता ने एसीटी खिताब जीतने के बाद कहा, ‘‘हम एक लक्ष्य के साथ आये थे। एशियाई खेलों में टीम स्वर्ण पदक से चूक गयी थी जिससे हम यहां इसकी भरपायी करना चाहते थे। हम यहां स्वर्ण पदक जीतना चाहते थे और विशेषकर इसलिये भी क्योंकि यह पहली बार भारत में आयोजित किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रत्येक टूर्नामेंट में एक बार में एक ही मैच पर ध्यान लगाते हैं। इस बार, पूरी टीम को यह साबित करना था और हमें खुशी है कि हम ऐसा करने में सफल रहे।’’ भारत ने एशियाड में कांस्य पदक जीता था और अब टीम 13 से 19 जनवरी तक होने वाले महिला एफआईएच हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर में भी रांची में ऐसा ही प्रदर्शन दोहराना चाहेगी।
सविता ने कहा, ‘‘टीम ने काफी आक्रामक हॉकी खेली। टीम में प्रत्येक खिलाड़ी ने अपना सर्वश्रेष्ठ किया ताकि सुनिश्चित हो सके कि हम पोडियम में शीर्ष पर रहे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य हमेशा ही अभ्यास का प्रदर्शन पिच पर दोहराने का होता है। अब महिला एफआईएच हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर भी है, हमारे पास तैयारी के लिए समय है और हम सुनिश्चित करेंगे कि हम फिर से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दोहरायें।’’
– एजेंसी