रायबरेली (एजेंसी/वार्ता)उत्तर प्रदेश के रायबरेली सिविल अदालत में बार और बेंच के बीच तनातनी के कारण पिछले कई दिनों से वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलेश चन्द्र पांडे ने शनिवार को आरोप लगाया है कि न्यायालय का रवैया मनमानीपूर्ण है और समस्याओं को लेकर लिखित और मौखिक रूप से शिकायत करने के बावजूद न्यायिक अधिकारियों ने मामले के निराकरण पर तवज्जो नहीं दिया है
इससे अधिवक्ताओं में रोष है।इसलिए पिछले कई दिनों से वकीलों ने काम से दूरी बनायी हुई है। उन्होंने न्यायिक अधिकारियों और उनके कार्यालयों के कर्मचारियों की कार्य प्रणाली और अधिवक्ताओं की समस्या के निराकरण को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए है। जिला न्यायालय की सबसे बड़ी बार सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि जिला न्यायालय में अधिवक्ता गण के बैठने की भी समुचित व्यवस्था नहीं है।
जबकि पुलिस पैरोकार आदि के लिए बैठने की व्यवस्था की गयी है जोकि अशोभनीय है, साथ ही पेयजल शौचालय आदि की भी गंभीर समस्याएं हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि कई न्यायिक अधिकारियों का व्यवहार अधिवक्ताओं के साथ अशोभनीय और अपमानजनक है। श्री पांडे ने कहा कि जिला न्यायाधीश को भी कठघरे में खींचने का प्रयास करते हुए समस्याओं के निवारण के लिए उनके द्वारा कोई सार्थक प्रयास नहीं किये जाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि अधिवक्ता भी न्यायालय के अधिकारी होते है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बावजूद वकील चिलचिलाती धूप में बैठते है और उन्हें टीन शेड डालने और कुर्सी रखने की भी पूर्ण स्वतंत्रता नहीं है, जबकि न्यायिक अधिकारी वातानुकूलित कमरों में बैठते है। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है
सेंट्रल बार के पदाधिकारी जल्द ही उच्च न्यायालय के रायबरेली क्षेत्र के प्रशासनिक न्यायमूर्ति से मिल कर अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराएंगे। ऐसे आसार दिखाई दे रहे हैं कि आरपार की इस लड़ाई में उतरे सेंट्रल बार के पदाधिकारी फिलहाल अपनी समस्याओं के निवारण के पहले अनिश्चितकालीन हड़ताल को खत्म करना नहीं चाहते हैं।
एजेंसी/वार्ता
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