‘हम जिंदगी में सोचते कुछ और हैं, होता कुछ और है…चाहते कुछ और हैं, मिलता कुछ है..’ कहने को तो यह सिर्फ दो लाइनें हैं, लेकिन इनमें किसी भी इंसान की पूरी जिंदगी सिमट जाती है. दरअसल, आज हम जिनकी बात कर रहे हैं, वह बॉलीवुड का बेहद ही खास कपल है, जो अफेयर और ब्रेकअप के दौर से गुजरने के बाद शादी के मुकाम तक पहुंचा। दोनों ही किसी और के होते-होते एक-दूसरे को दिल हार गए और हमसफर बन गए. हम बता कर रहे हैं सिनेमा जगत के स्टार कपल अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन की कहानी की. दोनों को एक-दूसरे के लिए ‘ढाई अक्षर प्रेम के’ पढ़ने में काफी समय लगा.
बॉलीवुड में काफी समय से सक्रिय ऐश्वर्या और अभिषेक अपनी-अपनी जिंदगी में इतने व्यस्त थे कि उन्हें कभी एक-दूसरे की जिंदगी में झांकने का मौका ही नहीं मिला. जब दोनों फिल्म ‘ढाई अक्षर प्रेम के’ के सेट पर आमने-सामने आए तो हवा का रुख बदल गया. ऐश्वर्या सलमान के साथ हुए ब्रेकअप के दर्द से गुजर रही थीं तो अभिषेक बच्चन भी करिश्मा संग रिश्ते में थे.
फिल्म का नाम बेशक ‘ढाई अक्षर प्रेम के’ था, लेकिन यह अभिषेक-ऐश्वर्या की जिंदगी में सिर्फ और सिर्फ दोस्ती का रंग घोलकर गई थी. ऐश्वर्या का सलमान के बाद विवेक से भी ब्रेकअप हो चुका था और अभिषेक भी करिश्मा संग टूटे अपने रिश्ते को भूलने की कवायद में लगे थे. साल 2000 में ‘ढाई अक्षर प्रेम के’ से हुई दोस्ती का रंग और गाढ़ा तब हुआ, जब दोनों को एक बार फिर फिल्म ‘उमराव जान’ में काम करने का मौका मिला. इसके बाद दोनों ‘क्यों हो गया न’ के सेट पर फिर मिले, जिससे दोनों का मिलना-जुलना काफी बढ़ गया. इन मुलाकातों के सिलसिले को रिश्ते का नाम फिल्म ‘गुरु’ ने दिया.
कहा जाता है फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद जब ‘गुरु’ की टीम इसके प्रीमियर के लिए टोरंटो पहुंची, तब तक अभिषेक मन ही मन यह फैसला कर चुके थे कि वह ऐश्वर्या संग घर बसाना चाहते हैं. इसके चलते उन्होंने टोरंटो में अभिनेत्री को प्रपोज किया, जिसे ऐश्वर्या ने तुरंत स्वीकार कर लिया. फिर क्या था ऐश्वर्या-अभिषेक की शादी का दिन आया और बच्चन परिवार के बंगले प्रतीक्षा में दोनों सात फेरे लेकर जन्म-जन्मांतर के बंधन में बंध गए.
यह भी पढे –
फल हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं लेकिन इस वक्त खा लिए तो गड़बड़ भी हो सकता हैं,जानिए