मजेदार जोक्स: अब्बू भइया रात मुझे बहुत प्यारा सपना

सोनू: अब्बू भइया रात मुझे बहुत प्यारा सपना आया। मैं बादशाह अकबर के दरबार में तानसेन बना, हाथ में वीणा लेकर, ऊँचे सुर में राग मल्हार गा रहा हूँ।
अब्बू : ओहो तो वो आप थे बड़े भइया। मैं तमाम रात सोचता रहा। शायद कालू कुम्हार के गधे का हाज़मा बिगड़ गया है। इसलिए बेचारा पूरी रात दर्द से कराहा रहा है।😜😂😂😂😛🤣

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अब्बू : ये सुबह-सुबह मुंह लटकाए क्यों बैठे हो सोनू भाई?
सोनू (उदास स्वर में): यार अब्बू बताऊँ? जबसे देसी घी पचास रूपये सस्ता हो गया। मुझे तो घाटा हो गया।
अब्बू (हैरानी से): वह कैसे?
सोनू(रोते स्वर में): पहले देसी घी न खाकर पूरे साढ़े चार सौ रूपये बचते थे। अब सिर्फ चार सौ रूपये ही बचेंगे।😜😂😂😂😛🤣

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अब्बू (बड़े गर्व के साथ): मेरे तीन रिश्तेदार राजनीति में रहे हैं।
सोनू: दो का तो मुझे पता है। एक थे बापू “गांधी” और दूसरे चाचा “नेहरू” . . . ये बता तीसरा कौन था ??
अब्बू : ताऊ “देवी लाल”😜😂😂😂😛🤣

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अब्बू : गोलू भाई, राशन की दूकान से खाली थैला लेकर कैसे लौट रहे हो?
सोनू: तुम्हे तो पता ही है मैं सिर्फ राशन की दूकान से चीनी ही लेता हूँ। इस बार राशन में चीनी गन्दी आई है इसलिए लेने की इच्छा नहीं हुई।
अब्बू : बस इतनी मामूली सी बात। चीनी ले लेते और बाद में पानी में धोकर साफ़ कर लेते।
सोनू: ज़रा अपना सर दिखा।
अब्बू : ये मेरे सर पर क्या कर रहे हो ?
सोनू : तूने पगड़ी तो बाँधी नहीं है। सरदार जैसा भी तू कहीं से नहीं दिखता फिर तू बातें सरदारों जैसी क्यों करता है?😜😂😂😂😛🤣

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