एक आदमी काम पर से थक हार कर घर आया।
रेखा ने पानी का गिलास दिया,
तभी बेटा मार्कशीट लेकर अपने पिता के पास पहुंचा।
साइंस-39, इंग्लिश- 46, मैथ्स- आगे कुछ पढऩे से पहले आदमी: ये माक्र्स आए हैं, गधे शर्म नहीं आती?
नालायक है तू नालायक।
रेखा- अरे आप सुनो तो…
आदमी- तू चुप बैठ।
तेरे लाड़-प्यार ने ही बिगाड़ा है इसे नालायक,
अरे तेरा बाप दिन भर मेहनत करता है और तू ऐसे माक्र्स लाता है।
लड़का चुपचाप गर्दन नीचे किए।
रेखा- अरे सुनो तो…
आदमी- तू चुप कर. एक शब्द भी मत बोल, आज बताता हूं इसे।
रेखा इस बार तेज आवाज में: अरे सुनो पहले।
सुबह अलमारी साफ करते वक्त मिली थी, ये आपकी मार्कशीट है।
फिर भयानक सन्नाटा।😜😂😂😂😛🤣
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जीजा- अरे साली साहिबा! एक सवाल का जवाब बताओ। यदि लड़कियां पराया धन हैं तो फिर लड़के क्या हुए?
साली- एक नंबर के चोर, जो हमेशा पराए धन पर अपनी नज़रे टिकाए रहते हैं।😜😂😂😂😛🤣