एक पिता ने अपने बेटे को दो-तीन झापड़ रसीद कर दिए-और थोड़ी देर बाद प्यार से सॉरी बोल दिया।
पप्पू- डैड एक कागज लो, उसे मोड़ो, रोल बनाओ।
वापस उस कागज को खोलो और देखो क्या वह पहले जैसा ही कड़क है।
पिता- नहीं
पप्पू- सही कहा, रिश्ते भी ऐसे ही होते हैं। सॉरी से काम नहीं चलता।
पिता- पप्पू बाहर मेरा स्कूटर खड़ा है।
जाओ और उस पर एक किक मारो।
बताओ क्या वह स्टार्ट हुआ।
पप्पू- नहीं हुआ।
पिता- अब तीन-चार किक मारो।
पप्पू: स्टार्ट हो गया।
पिता- तू भी वही स्कूटर है, कागज नहीं।
ज्ञान मत दे मुझे !!!😜😂😂😂😛🤣
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