एक भिखारी ने ट्रेन में खड़े सज्जन से कहा- ‘भगवान के नाम पर पैसा दे दे बाबा।
सज्जन- ‘छुट्टे नहीं हैं।
भिखारी- ‘कितने के छुट्टे चाहिए, पाँच सौ के या सौ रुपए के।
सज्जन बोले- ‘अरे, यदि पाँच सौ रुपए के छुट्टे तेरे पास हैं तो भिखारी कौन है।😜😂😂😂😛🤣
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एक आदमी (भिखारी से)- ‘अगर तुम्हारी लॉटरी लग जाए तो तुम क्या करोगे?
भिखारी- ‘एक कार और चाँदी का कटोरा खरीदूँगा, फिर कार में बैठकर भीख माँगा करूँगा।😜😂😂😂😛🤣
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सारा दफ्तर जान गया था कि उनकी पत्नी का नाम शांति था और सेक्रेटरी का नाम
दया था। जो भी आता, हकलाता वे कहते बात क्या हैं फरमाइए दबे स्वर में कहते वे
अजी, आपका काम शांति से चलता रहे हमें तो बस आपकी दया चाहिए।😜😂😂😂😛🤣
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एक बच्चा दौडा-दौडा घर आया और अपने दार्शनिक मुद्रा में रहने वाले पिता से
बोला- ‘पिताजी, मुझे वह गाली देता है।
पिता (सोचते हुए)- ‘बेटा, कुछ देता ही है न, लेता तो नहीं।😜😂😂😂😛🤣
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एक महाकंजूस रुपया बचाने के चक्कर में अपने घर की छत की मरम्मत खुद ही करने
लगा। अनुभवहीनता के कारण वह छत से फिसल गया। जब वह नीचे गिर रहा था तो
बीच में रसोईघर की खिड़की पड़ी। उसे देखकर उसने जोर से चिल्लाते हुए अपनी पत्नी
से कहा- ‘आज मेरे लिए खानामत पकाना।😜😂😂😂😛🤣