पत्थरचट्टा: जोड़ों के दर्द में राहत का आयुर्वेदिक इलाज

पत्थरचट्टा (Patharchatta), जिसे आयुर्वेद में चमत्कारी औषधि माना जाता है, जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में बेहद कारगर है। इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी और ड्यूरेटिक गुण इसे खास बनाते हैं। ये पत्तियां न सिर्फ सूजन को कम करती हैं, बल्कि हड्डियों को मजबूती भी देती हैं और टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती हैं।

आज हम जानेंगे कि जोड़ों के दर्द में पत्थरचट्टा का कैसे सही और असरदार उपयोग करें।

पत्थरचट्टा क्यों है जोड़ों के लिए फायदेमंद?
इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द में आराम पहुंचाते हैं।

ये हड्डियों को अंदर से मजबूत करता है और उनके टिशूज़ की मरम्मत में मदद करता है।

साथ ही, ये ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है जिससे सूजन घटती है और मूवमेंट में सुधार होता है।

जोड़ों के दर्द में पत्थरचट्टा कैसे इस्तेमाल करें?
1. पत्थरचट्टा का काढ़ा या पानी पिएं
4-5 पत्थरचट्टा के पत्तों को अच्छे से धोकर पानी में उबाल लें।

स्वादानुसार थोड़ा काला नमक डालें।

इस पानी को सुबह-शाम गुनगुना पीएं।

यह शरीर की सूजन कम करता है और अंदरूनी गर्मी देता है।

2. पत्थरचट्टा का लेप लगाएं
कुछ पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें।

इसमें आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं।

इस लेप को जोड़ों पर लगाएं और हल्के हाथों से मालिश करें।

20-30 मिनट तक छोड़ दें और फिर हल्के गुनगुने पानी से धो लें।

दिन में 2-3 बार लगाने से जल्दी आराम मिलता है।

निष्कर्ष:
पत्थरचट्टा एक ऐसा प्राकृतिक उपाय है जो बिना साइड इफेक्ट्स के जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचा सकता है। अगर आप लंबे समय से सूजन, अकड़न या दर्द से परेशान हैं, तो इसे अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें।

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