पत्थरचट्टा: यूरिक एसिड और जोड़ों के दर्द के लिए प्राकृतिक उपाय

अगर आपके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ रहा है, तो यह न सिर्फ जोड़ों में सूजन और दर्द पैदा करता है, बल्कि लंबे समय में गाउट जैसी समस्याएं भी ला सकता है। गाउट में जोड़ों के बीच पथरी जैसे क्रिस्टल जमा हो जाते हैं, जिससे हड्डियों में गैप आ सकता है और चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है।

ऐसे में आयुर्वेद में एक प्राकृतिक औषधि बताई गई है जो इन समस्याओं में राहत दे सकती है — इसका नाम है पत्थरचट्टा (Patharchatta)। यह हर्ब हड्डियों की मजबूती, सूजन कम करने और मेटाबोलिज्म सुधारने में मददगार मानी जाती है।

🩺 पत्थरचट्टा के फायदे हाई यूरिक एसिड में
🔥 1. सूजन को करे कम (Anti-inflammatory गुणों से भरपूर)
पत्थरचट्टा में प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करते हैं। यह गाउट के लक्षणों को शांत करता है और हड्डियों के टिशूज की रिपेयरिंग में भी मदद करता है।

🔄 2. मेटाबोलिज्म को करे तेज
यह हर्ब शरीर के मेटाबोलिक रेट को बढ़ाती है और प्रोटीन के पाचन से बनने वाले प्यूरिन को जल्दी प्रोसेस करके उसे मूत्र के ज़रिए बाहर निकालने में मदद करती है। इससे यूरिक एसिड का लेवल नियंत्रित रहता है।

🍵 पत्थरचट्टा का सेवन कैसे करें?
1. काढ़ा बनाकर पीएं

पत्थरचट्टा की 3-4 पत्तियों को अच्छे से धो लें

इन्हें एक गिलास पानी में उबालें

थोड़ा-सा सेंधा नमक डालें

गुनगुना रहने पर इसे छानकर पिएं

2. तेल में पकाकर मालिश करें
अगर पीना न चाहें तो पत्थरचट्टा की पत्तियों को सरसों के तेल में हल्का गर्म करके प्रभावित जोड़ों पर मालिश करें। इससे दर्द और सूजन में राहत मिलती है।

📝 जरूरी टिप:
पत्थरचट्टा का सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर रहेगा, खासकर यदि आप किसी दवा का सेवन कर रहे हों।

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