क्या आपका वजन कभी अचानक बढ़ जाता है और कभी खुद ही कम हो जाता है? क्या हाथ-पैर या चेहरे में सूजन और भारीपन महसूस होता है? अगर हां, तो ये वॉटर रिटेंशन के संकेत हो सकते हैं।
वॉटर रिटेंशन यानी शरीर में अतिरिक्त पानी का जमाव। जब शरीर मिनरल्स का संतुलन बनाए नहीं रख पाता, तो टिशूज़ में पानी जमा होने लगता है। इसके कारण हाथ, पैर, एड़ियों, चेहरे और पेट में सूजन, दर्द और असहजता महसूस होती है।
अच्छी खबर ये है कि थोड़े से खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
❓ वॉटर रिटेंशन क्यों होता है?
अधिक नमक का सेवन: ज्यादा नमक शरीर में सोडियम बढ़ाता है, जिससे पानी रुकने लगता है।
हार्मोनल बदलाव: खासकर महिलाओं में पीरियड्स से पहले या मेनोपॉज़ के दौरान यह सामान्य है।
ज्यादा चीनी खाना: ब्लड शुगर का असंतुलन शरीर में फ्लूइड रिटेंशन को बढ़ाता है।
दिल, किडनी या लीवर से जुड़ी बीमारियां भी इसका कारण बन सकती हैं।
⚠️ वॉटर रिटेंशन के लक्षण
पैरों और टखनों में सूजन
चेहरे, उंगलियों या हाथों में फूलापन
त्वचा में खिंचाव और लालिमा
अचानक वजन बढ़ना (कुछ ही दिनों में)
कपड़े और जूते टाइट लगना
चलने-फिरने में भारीपन महसूस होना
✅ वॉटर रिटेंशन कम करने के लिए क्या खाएं?
हरी सब्ज़ियां और नट्स: जैसे पालक, मेथी, बादाम, अखरोट।
पोटैशियम युक्त चीज़ें: आलू, केला, शकरकंद – ये शरीर से अतिरिक्त पानी निकालने में मदद करते हैं।
विटामिन C युक्त फल: जैसे संतरा, अमरूद, गाजर – ये यूरिन के ज़रिए पानी निकालने में मदद करते हैं।
अच्छी मात्रा में पानी पिएं: शरीर को हाइड्रेट रखने से भी फ्लूइड बैलेंस बेहतर होता है।
नियमित योग व एक्सरसाइज़ करें: खासकर पसीना लाने वाले व्यायाम।
🚫 क्या नहीं खाना चाहिए?
डिब्बाबंद और प्रोसेस्ड फूड्स: इनमें छिपा होता है ज्यादा नमक और चीनी।
रिफाइंड ब्रेड और मैदा उत्पाद: ये इंसुलिन लेवल बिगाड़ते हैं जिससे सूजन बढ़ती है।
अल्कोहल और स्मोकिंग: ये शरीर को डीहाइड्रेट करते हैं और मिनरल्स की कमी कर देते हैं।
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