मोहिंदर कुमार की कहानी: एक खिलाड़ी, जिसकी हिम्मत आज भी कायम है

क्रिकेट मैदान पर चोट लगना आम बात है, लेकिन कभी-कभी यह ज़िंदगी को बदल देने वाली घटना बन जाती है। ऐसा ही कुछ पाकिस्तान के पूर्व फर्स्ट क्लास क्रिकेटर और कोच मोहिंदर कुमार के साथ हुआ, जिनकी ज़िंदगी अब एक बेहद कठिन दौर से गुजर रही है।

⚠️ डायबिटिक इंफेक्शन बना काल
कराची से आई रिपोर्ट के मुताबिक, डायबिटिक फुट इंफेक्शन के कारण मोहिंदर कुमार के दोनों पैर काटने पड़े हैं। यह संक्रमण इतना गंभीर हो गया था कि डॉक्टर्स को उनकी जान बचाने के लिए यह कठोर कदम उठाना पड़ा। यह खबर पाकिस्तान क्रिकेट जगत के साथ-साथ खेल प्रेमियों के दिल को भी झकझोरने वाली है।

🏏 एक जुझारू खिलाड़ी और प्रेरक कोच
65 वर्षीय मोहिंदर कुमार ने 1976 से 1994 तक पाकिस्तान की घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने:

65 फर्स्ट क्लास मैचों में 187 विकेट चटकाए।

10 बार पारी में 5 या उससे अधिक विकेट लिए।

4 बार मैच में 10 विकेट लेने का कमाल किया।

लिस्ट ए क्रिकेट में 53 मैच खेलकर 64 विकेट हासिल किए।

वे एक तेज़ गेंदबाज़ के रूप में पहचाने जाते थे और उनके जुझारूपन की मिसाल दी जाती थी।

👨‍🏫 कोचिंग में भी निभाई अहम भूमिका
खिलाड़ी के रूप में बेहतरीन करियर के बाद मोहिंदर कुमार ने कोचिंग की दुनिया में कदम रखा और कई युवाओं को प्रोफेशनल क्रिकेटर बनाने में अहम योगदान दिया। उनके शागिर्दों में सोहेल खान, मोहम्मद सामी, दानिश कनेरिया, तनवीर अहमद और नौमानुल्लाह जैसे नाम शामिल हैं।

🙏 खेल जगत में शोक की लहर
मोहिंदर कुमार की यह दुखद स्थिति सिर्फ एक चिकित्सा चुनौती नहीं, बल्कि एक भावनात्मक झटका भी है। उनकी लगन और मेहनत ने न केवल उन्हें एक बेहतरीन खिलाड़ी बनाया, बल्कि कई और खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया। अब क्रिकेट बिरादरी को उनके लिए समर्थन और संवेदना की ज़रूरत है।

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