नए बिजनेस की प्लानिंग कर रहे हैं? पहले ये 10 शब्द समझ लें

आज के दौर में स्टार्टअप की लहर तेजी से बढ़ रही है। हर कोई नए आइडियाज के साथ बिजनेस शुरू करने में लगा हुआ है। कुछ स्टार्टअप तेजी से सफल हो रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। अगर आप भी स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, तो बिजनेस की भाषा समझना बेहद जरूरी है। यहां हम आपको स्टार्टअप से जुड़े 10 अहम शब्दों के बारे में बता रहे हैं, जो आपको बिजनेस की दुनिया में आगे बढ़ने में मदद करेंगे।

1. एंटरप्रेन्योर (Entrepreneur)
👉 जो व्यक्ति नया बिजनेस शुरू करता है, उसे एंटरप्रेन्योर या उद्यमी कहते हैं।
👉 बिजनेस में होने वाले मुनाफे और नुकसान की पूरी जिम्मेदारी एंटरप्रेन्योर की होती है।

2. क्राउडफंडिंग (Crowdfunding)
👉 जब कोई व्यक्ति या कंपनी लोगों से छोटी-छोटी रकम जुटाकर अपने स्टार्टअप को शुरू करता है, तो इसे क्राउडफंडिंग कहते हैं।
👉 यह एक पॉपुलर तरीका है स्टार्टअप के लिए फंड इकट्ठा करने का।

3. प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (Proof of Concept – POC)
👉 जब आप अपने बिजनेस आइडिया को निवेशकों के सामने साबित करते हैं कि यह सफल हो सकता है, तो इसे POC कहते हैं।
👉 यह निवेशकों को यह भरोसा दिलाने में मदद करता है कि आपका आइडिया फायदेमंद हो सकता है।

4. बी-2-बी बिजनेस (B2B – Business to Business)
👉 ऐसे बिजनेस जो सीधे ग्राहकों को नहीं बल्कि दूसरे बिजनेस को सेवाएं या प्रोडक्ट्स बेचते हैं, उन्हें B2B बिजनेस कहते हैं।
👉 जैसे कि सॉफ्टवेयर कंपनियां, जो दूसरी कंपनियों को अपनी सर्विसेज देती हैं।

5. बी-2-सी बिजनेस (B2C – Business to Customer)
👉 इस तरह के बिजनेस सीधे ग्राहकों तक अपने प्रोडक्ट या सर्विस पहुंचाते हैं।
👉 Amazon, Flipkart, Swiggy जैसी कंपनियां B2C मॉडल पर काम करती हैं।

6. प्री रेवेन्यू (Pre-Revenue)
👉 स्टार्टअप के शुरुआती दौर में, जब कंपनी की कोई कमाई नहीं होती, उसे प्री-रेवेन्यू स्टेज कहते हैं।
👉 इस दौरान, निवेशक यह अनुमान लगाते हैं कि भविष्य में यह स्टार्टअप कितनी कमाई कर सकता है।

7. ग्रॉस मार्जिन (Gross Margin)
👉 किसी प्रोडक्ट को बनाने में आई लागत और उसे बेचने के बीच जो अंतर होता है, उसे ग्रॉस मार्जिन कहते हैं।
👉 उदाहरण: अगर कोई प्रोडक्ट ₹100 में बना और उसे ₹150 में बेचा गया, तो ग्रॉस मार्जिन ₹50 हुआ।

8. नेट मार्जिन (Net Margin)
👉 ग्रॉस मार्जिन में से मार्केटिंग, डिस्ट्रिब्यूशन, टैक्स और अन्य खर्चे निकालने के बाद जो बचता है, उसे नेट मार्जिन कहते हैं।
👉 यह कंपनी की असली कमाई दिखाता है।

9. ओवरहेड चार्ज (Overhead Charges)
👉 वे खर्चे जो प्रोडक्ट बनाने या डिलीवरी से जुड़े नहीं होते, जैसे किराया, बिजली बिल, इंश्योरेंस, लीगल फीस आदि।
👉 ये खर्चे बिजनेस की ऑपरेशन लागत में शामिल होते हैं।

10. कैश फ्लो स्टेटमेंट (Cash Flow Statement)
👉 कैश फ्लो स्टेटमेंट से पता चलता है कि कंपनी में कितना पैसा आ रहा है और कितना खर्च हो रहा है।
👉 यह बिजनेस की आर्थिक सेहत का सबसे अहम संकेतक होता है।

निष्कर्ष:
अगर आप बिजनेस या स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, तो इन 10 शब्दों को समझना आपके लिए बेहद जरूरी है। इनका सही इस्तेमाल आपको एक बेहतर एंटरप्रेन्योर बनने में मदद करेगा और निवेशकों से बात करने में भी आसानी होगी। तो, अब जब भी कोई स्टार्टअप की चर्चा हो, आप भी पूरी जानकारी के साथ उसमें हिस्सा ले सकते हैं!

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