जानिए,क्या सदाबहार के फूलों से खत्म हो सकती है डायबिटीज

डायबिटीज आज गंभीर समस्या बनती जा रही है. टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों की संख्या दुनियाभर के लिए चिंता बन गई है. WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1980 में जहां पूरी दुनिया में 108 मिलियन लोग डायबिटीज की चपेट में थे, वहीं 2014 में ये आंकड़ा 420 मिलियन से ज्यादा हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक, आज जितने भी लोग मधुमेह की समस्या से परेशान हैं, उनमें 95 प्रतिशत से ज्यादा टाइप 2 डायबिटीज के मरीज हैं. यही वजह है कि डायबिटीज के इलाज को लेकर लगातार रिसर्च चल रहा है. आइये जानते क्या है सच।

क्या सदाबहार के फूलों में एंटी कैंसर और एंटी डायबिटीज ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं? इसको लेकर लगातार रिसर्च चल रहा है. कई स्टडी में पाया गया है कि सदाबहार के फूल के कुछ अल्कलॉइड्स कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में मददगार हो सकते हैं. इसके दूसरे रासायनिक भाग हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज में फायदेमंद हो सकता है. कुछ लोगों का मानना है कि हेल्थ एक्सपर्ट की देखरेख में इसे आजमाया जा सकता है. हालांकि यह कितना कारगर है, अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.

जब पूर्ण रूप से इंसुलिन की कमी होती है, तब टाइप 1 डायबिटीज की स्थिति होती है. इसलिए इस तरह की डायबिटीज में सिर्फ इंसुलिन का ही इस्तेमाल करना चाहिए. वहीं, प्री-डायबिटीज के शुरुआती फेज में डॉक्टर की सलाह लेने के बाद इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. डॉक्टर आपकी हेल्थ कंडिशन को देखते हुए इस फूल को आजमाने की सलाह देंगे. क्योंकि यह देखना जरूरी होगा कि सदाबहार के फूल ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में प्रभावी होने चाहिए और इससे किडनी, हार्ट, लीवर या किसी दूसरे अंग को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे.

सदाबहार की पत्तियां, जड़ या पौधे का रस फायदेमंद हो सकता है.
सदाबहार के 5 से 6 पत्ते चबाने से फायदा हो सकता है.
इसके सूखे पत्तों के पाउडर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
ऐसे लोग न करें सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल
इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद घर पर इनका इस्तेमाल न करें.डॉक्टर की सलाह के बाद ही इनका उपयोग करें. अगर किसी को अल्सर और गैस्ट्र्रिटिस जैसी समस्याए हैं तो इसका कभी भी उपयोग न करें. प्रेगनेंट वुमन और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाएं भी इसके सेवन से बचें.

यह भी पढे –

रामायण के विभीषण ने इस वजह से रेलवे ट्रैक पर कूदकर दे दी थी जान,जानिए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *