परिवहन आयुक्त के अव्यावहारिक आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

नैनीताल (एजेंसी/वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने काशीपुर के ट्रांसपोर्ट वाहनों की फिटनेस काशीपुर के बजाय रुद्रपुर में एक निजी कंपनी से कराये जाने के मामले को अव्यावहारिक बताते हुए परिवहन आयुक्त के आदेश पर रोक लगा दी है। अदालत ने वाहन मालिकों की सुविधा को देखते हुए वाहनों की फिटनेस काशीपुर के सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) से करने के निर्देश दिए हैं।

काशीपुर निवासी प्रवीण कुमार की ओर से इस मामले को चुनौती दी गयी। इस प्रकरण की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की युगलपीठ में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि प्रदेश के परिवहन आयुक्त कार्यालय ने पांच नवंबर, 2022 को एक फरमान जारी कर काशीपुर और जसपुर के ट्रांसपोर्ट वाहनों की फिटनेस जांच रुद्रपुर स्थित लखनऊ की एक निजी कंपनी से करवाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि परिवहन आयुक्त का यह फरमान अव्यावहारिक और जनहित के विरुद्ध है।
काशीपुर में एआरटीओ कार्यालय होने के बावजूद वाहनों को रुद्रपुर भेजा जा रहा है। जो कि धन व समय के हिसाब से अपेक्षाकृत अधिक खर्चीला और असुविधाजनक है। वाहनों को भी अपने परमिट क्षेत्र से बाहर जाना पड़ रहा है।

याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया कि लखनऊ की इस कंपनी को निविदा आमंत्रित किये बिना ही ठेका दे दिया गया जो कि नियम विरुद्ध है। याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गयी कि काशीपुर स्थित एआरटीओ कार्यालय से फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किए जाएं। इस मामले में अगली सुनवाई आगामी 16 दिसंबर को होगी।

-एजेंसी/वार्ता

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