देश भर में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले कुल 6.54 करोड़ लोग, जिनमें 1.39 करोड़ परिवार शामिल हैं, सोमवार को संसद को बताया गया कि पीएमएवाई-यू के तहत 3 मार्च, 2025 तक झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को 90.60 लाख घर पूरे हो चुके हैं/बंटवाए जा चुके हैं, यह जानकारी सोमवार को संसद को दी गई।
आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने राज्यसभा को दिए जवाब में बताया कि झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के आंकड़े 2011 में की गई आखिरी जनगणना पर आधारित हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत मंत्रालय ने कुल 118.64 लाख घरों को मंजूरी दी है, जिनमें से 112.46 लाख घरों का निर्माण शुरू हो चुका है और 3 मार्च, 2025 तक 90.60 लाख घरों का निर्माण पूरा हो चुका है/लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि वित्त पोषण पैटर्न और कार्यान्वयन पद्धति में बदलाव किए बिना स्वीकृत घरों को पूरा करने के लिए योजना अवधि को 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
एमओएस ने कहा कि आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (एमओएचयूए) 25 जून, 2015 से पीएमएवाई-यू के तहत केंद्रीय सहायता प्रदान करके राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों को पूरक बनाता है, ताकि देश भर में मलिन बस्तियों सहित शहरी क्षेत्रों में चार वर्टिकल – लाभार्थी-नेतृत्व वाले व्यक्तिगत घर निर्माण/संवर्द्धन (बीएलसी), भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी), इन-सीटू स्लम पुनर्विकास (आईएसएसआर) और क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) के माध्यम से पक्के घर उपलब्ध कराए जा सकें।
एमओएस ने कहा कि परियोजनाओं के पूरा होने की समय-सीमा राज्य दर राज्य अलग-अलग होती है और आम तौर पर योजना के विभिन्न वर्टिकल और संबंधित परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के अनुसार इसमें 12-36 महीने लगते हैं।
राज्य मंत्री साहू ने कहा कि पीएमएवाई-यू के कार्यान्वयन के नौ वर्षों के अनुभवों से सीख लेकर मंत्रालय ने इस योजना को नया रूप दिया है और एक करोड़ अतिरिक्त पात्र लाभार्थियों के लिए 1 सितंबर, 2024 से पीएमएवाई-यू 2.0 ‘सभी के लिए आवास’ मिशन शुरू किया है।
राज्य मंत्री ने कहा कि अब तक 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए हैं और ऐसे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 6.77 लाख घरों की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है।