नई दिल्ली: मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार की उपलब्धियों की गौरव गाथा में एक और अध्याय जुड़ गया है। केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राजस्व के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के अंतर्गत ‘भूमि सम्मान’ अवॉर्ड के लिए गुजरात के 3 आदिवासी बहुल जिलों सहित कुल 6 जिलों का चयन किया है।
राष्ट्रपति के करकमलों से मंगलवार, 18 जुलाई को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य के इन 6 जिलों को ‘भूमि सम्मान-प्लेटिनम सर्टिफिकेट’ प्रदान किए गए।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 के बजट के बाद आयोजित वेबिनार के माध्यम से इस बात के लिए विशेष ताकीद की थी कि सरकारी योजनाओं के लाभ से अंतिम छोर का कोई भी नागरिक वंचित न रहे। इसके अतिरिक्त, गत 3 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक में भी योजनाओं के सभी घटकों के 100 प्रतिशत सैचुरेशन का आह्वान किया था। इसके हिस्से के रूप में टेक्नोलॉजी के उपयोग से भूमि अभिलेखों का आधुनिक, व्यापक और पारदर्शी सिस्टम बनाया गया है। राष्ट्रपति ने भी अपने सुझाव में इस बात पर जोर दिया है कि एक भी नागरिक जनकल्याण की योजना से वंचित न रहे।
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा इस दिशा में लागू कार्यक्रम ‘डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम’ (डीआईएलआरएमपी) के अंतर्गत राज्य में राजस्व सेवाओं को ऑनलाइन, अद्यतन और पारदर्शी बनाने को लेकर उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत केंद्र सरकार के निर्धारित मापदंडों के अनुसार सफलतापूर्वक कार्य करने के संबंध में सभी 6 श्रेणियों में सर्वोच्च- प्लेटिनम सर्टिफिकेट अवॉर्ड के लिए राज्य के अरवल्ली, डांग, जामनगर, मेहसाणा, नर्मदा और साबरकांठा सहित 6 जिलों का समावेश किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गुजरात ने रिकॉर्ड डिजिटलीकरण के जरिए डिजिटल इंडिया अभियान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए आह्वान को स्वीकार कर लिया है।
डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के अंतर्गत राज्य सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे राजस्व सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे ही उपलब्ध हो सके। संपत्ति संबंधी लेन-देन के दस्तावेज के पंजीकरण का काम भी कंप्यूटरीकृत किया गया है। इसके साथ ही, पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से सभी अभिलेखों को अद्यतन और डिजिटलाइज कर पोर्टल पर रखा गया है।
डीआईएलआरएमपी योजना के कुल छह प्रमुख घटक हैं- 1) भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण (आरओआर), 2) कैडस्ट्रल मैप्स/एफएमबी का डिजिटलीकरण, 3) कैडस्ट्रल मैप्स के साथ आरओआर का जुड़ाव, 4) पंजीकरण का कंप्यूटरीकरण, 5) भूमि अभिलेखों (राजस्व कार्यालय) के साथ पंजीकरण का एकीकरण (एसआरओ) और 6) आधुनिक रिकॉर्ड रूम।
इन सभी घटकों में 99 फीसदी या उससे अधिक सफलतापूर्वक कार्य करने वाले राज्य को प्लेटिनम सर्टिफिकेट, 95 से 99 फीसदी तक सफलतापूर्वक कार्य करने वाले राज्यों को गोल्ड सर्टिफिकेट तथा 90 से 95 फीसदी कार्य तक सफलतापूर्वक कार्य करने वाले राज्यों को सिल्वर सर्टिफिकेट के लिए चुना गया है।
गुजरात के छह जिलों को डीआईएलआरएमपी के सभी 6 घटकों में 99 फीसदी से अधिक उपलब्धियां प्राप्त करने के लिए प्लेटिनम सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया है। गुजरात सरकार की ओर से भूमि सुधार आयुक्त श्री पी. स्वरूप, स्टाम्प अधीक्षक तथा पंजीकरण सर निरीक्षक श्री जेनु देवन, सैटलमेंट आयुक्त श्री एम. ए. पंड्या ने यह अवॉर्ड स्वीकार किया। इसके अतिरिक्त, संबंधित जिलों के अधिकारियों को भी राष्ट्रपति द्वारा प्लेटिनम सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।
उल्लेखनीय है कि, देश आजादी के अमृत काल से गुजर रहा है, तब ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक डीआईएलआरएमपी कार्यक्रम को पूर्ण करने के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है।