प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के अंतर्गत 3.59 करोड़ से अधिक लाभार्थियों का नामांकन किया गया है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की संसद में रखी एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017-18 में इस योजना के प्रारंभ होने से लेकर दो दिसंबर 2023 तक 3.21 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 14,428.35 करोड़ रुपये से अधिक के मातृत्व लाभ वितरित किए गए हैं। इसमें केंद्र और राज्य दोनों के हिस्से शामिल हैं।
सरकार ने पीएमएमवीवाई के लिए आवेदन प्रक्रिया को एक मोबाइल ऐप और एक समर्पित पोर्टल (पीएमएमवीवाईसॉफ्ट एमआईएस) की शुरुआत करके पूर्णतया डिजिटल कर दिया है, जिससे आवेदन की प्रक्रिया पेपरलेस हो गई है।
ऑनलाइन आवेदन पत्र सरल और समझने में आसान है, जो एक सुसंगत और सीधी प्रक्रिया सुनिश्चित करता है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (एडब्ल्यूडब्ल्यू) मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) मोबाइल ऐप या पीएमएमवीवाईसॉफ्ट एमआईएस पर ऑनलाइन लाभार्थियों के फॉर्म भरती हैं। इसके अलावा लाभार्थी के स्व-पंजीकरण का प्रावधान किया गया है ताकि लाभार्थी या लाभार्थी की ओर से कोई व्यक्ति पंजीकरण कर सके।
पीएमएमवीवाई के अंतर्गत, लाभार्थियों के आधार के माध्यम से भुगतान राशि हमेशा लाभार्थी के पास जाती है। पति का आधार देने की अनिवार्यता को भी हटा दिया गया है।
पीएमएमवीवाई के अंतर्गत ये लाभ बच्चे के जन्म के समय अनौपचारिक क्षेत्र की महिलाओं सहित समाज के सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्ग की 18 वर्ष, सात माह से लेकर 55 वर्ष के आयु वर्ग की गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए उपलब्ध हैं।
पीएमएमवीवाई के तहत दूसरे बच्चे के लिए 6,000 रुपये का मातृत्व लाभ भी प्रदान किया जाता है, बशर्ते दूसरा बच्चा कन्या हो ताकि जन्म से पहले लिंग चयन को हतोत्साहित किया जा सके और कन्या को बढ़ावा दिया जा सके।
– एजेंसी